*अजीबो गरीब किंतु सत्य घटना*
*आठ सौ परिवारों पर मंडरा रहा है विस्थापन का खतरा लगभग 60 से 70 वर्ष पूर्व खरीदीं थी जमीनें*
*बेचने वाले लोगों ने संयुक्त होकर खरीदने वाले लोगों के विरोध में दायर की थी याचिका बेचने वालों के पक्ष मे आया फैसला*
*ब्यूरो- संतोष कुमार मित्रा*
*बेनकाब भ्रस्टाचार*
जनपद पीलीभीत उत्तर प्रदेश,
पीलीभीत की तहसील पूरनपुर अंतर्गत ट्रांस शारदा क्षेत्र के ग्राम कंवोज नगर में 1947 के दशक में पाकिस्तान से आये विस्थापित रिफ्यूजी कंवोज सिख परिवारों को सरकार ने भूमि देकर बसाया था,
लेकिन उस समय कंवोज नगर में जंगल,झाड़ी देख कंवोज सिख परिवारों ने अपनी जमीने अन्य सिख परिवारों एक हाथ एक रुपये,दो रुपये,के स्टांप पर लिखा-पढ़ी करके बिक्री कर स्वयं परिवार सहित पंजाब दिल्ली व देश के अन्य स्थानों पर चले गये थे,
खरीददार सिखों ने हाड़तोड़ मेहनत मशक्कत कर जंगल झाड़ी काट कर कंवोज नगर की जमीनों को रहने और खेती करने लायक वनाया,और जंगली जानवरों के ख़तरों से जूझते हुवे विपरीत परिस्थितियों में भी वाकायदा कंवोज नगर में खुद को परिवार सहित रहने लायक बनाकर खेती करने लगे,
अब करीब साठ बासठ वर्षों बाद तत्कालीन अपनी जमीनें बेच कर चले गये परिवारों ने एक जुट होकर हाई कोर्ट में अपनी जमीनों को लेकर मुकदमा किया और एक तरफा फैसला अपने पक्ष में करवा लिया,
वहीं कंवोज नगर में रह रहे करीब आठ सौ परिवार जिनके पुरखों ने कंवोज सिखों से जमीनें खरीदीं थीं उनके वारिसों का कहना है कि उनको मुकदमे और फैसले के बारे में भनक तक नहीं लगी,
अब मुकदमें का एक तरफा फैसला आने के बाद कंवोज नगर के आठ सौ परिवारों के सामने अपनी खरीदी गयी जमीनों से विस्थापित होने का भीषण खतरा मंडराने लगा है,
कल राष्ट्रीय किसान शक्ति संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्रीकृष्ण वर्मा ने कंवोज नगर जाकर वहां के आठ सौ परेशान किसानों परिवारों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जानकारी ली,
श्रीकृष्ण वर्मा ने परेशान किसान परिवारों को अपने संगठन की तरफ से सभी आठ सौ परिवारों की हर संभव मदद के साथ कानूनी लड़ाई लड़ने का आश्वासन दिया,
कंवोज नगर के पूर्व प्रधान रंजीत सिंह ने बताया है कि हाई कोर्ट के एक तरफा फैसले को लेकर क्षेत्र के करीब आठ सौ परिवारों के समक्ष जीवन मरण की स्थिति पैदा हो गयी हैं,
उनके पुरखों ने जिस जमीन को कंवोज सिखों से खरीद कर जंगल झाड़ी से मुक्त कराकर रहने और खेती करने लायक वनाया है,और करीब साठ वर्षों से यहां रह रहे हैं,अब सभी आठ सौ परिवारों को यूं विस्थापित कर बेदखल करने के कुचक्र का सामना एक जुट होकर करेंगे!