उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह व महामंत्री राम बाबू शास्त्री ने कहा है कि सरकार के हठ के आगे संगठन झुकेगा नही। सरकार 18 सूत्रीय मांगों पर समय रहते विचार नहीं करती है तो 2 दिसंबर से प्रदेश में पठन पाठन बंद करके जेल भरो आंदोलन शुरू किया जायेगा। इसके लिए 1 सितंबर को लखनऊ में राज्य परिषद की बैठक बुलाई गई है। राज्य परिषद की बैठक में प्रदेश के 75 जनपदों से क्रांतिकारी पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने बताया कि 18 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रथम चरण में पूरे प्रदेश में 3 से 14 जुलाई के मध्य संघर्ष संपर्क यात्रा निकाली गई। संघर्ष के द्वितीय चरण में प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालयों पर 17 ,18 व 19 जुलाई को धरना देकर अपर मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन जिला विद्यालय निरीक्षकों को प्रेषित किया गया है। संघर्ष के तृतीय चरण में दिनांक 9 अगस्त को पूरे प्रदेश के सभी 18 मंडलों के संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय पर धरना देकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन संयुक्त शिक्षा निदेशकों को प्रेषित किया जा चुका है।
प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने बताया कि संघर्ष के लंबे कार्यक्रम के बावजूद सरकार का कोई भी प्रतिनिधि संगठन के किसी भी पदाधिकारी से अब तक कोई भी वार्ता नही किया है। यह स्थिति अत्यंत खेद जनक है। सरकार शिक्षक हितों की अनदेखी कर रही है, जिसका परिणाम गंभीर होगा।
उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली, एनपीएस घोटाले की जांच, एनओसी विहीन ट्रांसफर नीति, तदर्थ शिक्षकों की बहाली, वित्त विहीन शिक्षकों को मानदेय देने, पांच लाख रूपए तक का चिकित्सा सुविधा देने जैसी महत्वपूर्ण मांगों को लेकर पूरे प्रदेश का शिक्षक आक्रोशित है। शिक्षकों की नाराजगी सरकार को महंगी पड़ेगी।