“माँ : जीवन की मूरत” – लेखिका, सोनम विश्वकर्मा ✍️


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रिपोर्ट – प्रदेश संवाददाता पत्रकार अतुल कुमार तिवारी

 

माँ वो नाम है, जो हर दर्द को मुस्कान में बदल दे,

जो खुद भीग जाए, मगर संतान को छांव दे।

 

उसकी ममता की कोई मिसाल नहीं होती,

उसकी दुआ कभी खाली नहीं जाती।

 

जब थक जाते हैं रास्ते और उम्मीदें चूर होती हैं,

तब माँ की गोद सबसे सुकूनभरी मंज़िल होती है।

 

वो हर दिन हमारे लिए जीती है,

और हम एक दिन उसके नाम भी ज़रूर करें।

 

मदर्स डे पर कोटि-कोटि नमन,

उस माँ को, जो हमारे लिए भगवान से भी बढ़कर है।

 

लेखिका, सोनम विश्वकर्मा ✍️

जौनपुर।

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