महुली (संतकबीरनगर)।नाथनगर ब्लाक परिसर में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में अंतराष्ट्रीय व वक्ता व शोधकर्ता रमाशंकर शुक्ल ने कहा कि भगवान राम के आदर्श विश्व के लिए प्रासंगिक है। भारतीय संस्कृति के आदर्शों को व्यावहारिक जीवन में मूर्तिमान करने वाले में भगवान राम का विशिष्ट स्थान है। उन्हें भारतीय धर्म के आकाश में चमकने वाले सूर्य और चंद्र कहा जा सकता है। उन्होंने व्यक्ति और समाज के उत्कृष्ट स्वरूप को अक्षुण्ण रखने एवं विकसित करने के लिए क्या करना चाहिए, इसे अपने पुण्य-चरित्रों द्वारा जन साधारण के सामने प्रस्तुत किया है। ठोस शिक्षा की पद्धति भी यही है कि जो कहना हो, जो सिखाना हो, जो करना हो, उसे वाणी से कम और अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करने वाले आत्म-चरित्र द्वारा अधिक व्यक्त किया जाय। आज दुनिया के 103 देशों में मानस को आदर्श माना जाता है। इंडोनेशिया, जावा, सुमात्रा आदि देशों में भगवान राम के आदर्शों की पूजा की जाती है।
मानस विद सुमित्रानन्दन चतुर्वेदी ने भगवान राम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रामचन्द्र जी अपनी वन यात्रा में जन-जन की सद्भावना जीतते हुए, उन्हें स्नेहसूत्र में आबद्ध करते हुए चलते हैं। उनमें सहयोगवृत्ति जाग्रत् करते चलते हैं। वन में इसी उद्देश्य से निकल पड़ते हैं और नगर में वह प्रवृत्ति जाग्रत् रखने के लिये आग्रह करके जाते हैं। भरत के लिये उन्होंने यही संदेश छोड़ा कि सामूहिक हित को ध्यान में रखकर चलें।
विधायक गणेश चन्द चौहान ने कहा कि जब भगवान राम ने सामाजिक समरसता का जो संदेश दिया वह आज के परिवेश में अनुकरणीय है। उन्होंने वनगमन के दौरान दिखाया कि समाज मे ऊंच नीच का कोई स्थान नही है।
हिन्दू जागरण मंच के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश पाठक ने कहा कि
जहँ तहँ नर रघुपति गुन गावहिं। बैठि परस्पर यहहि सिखावहिं॥
कहा कि रामचरितमानस से सामाजिक दृष्टिकोण, सहयोग और संगठन की महत्ता समझकर प्रेरणा लेकर यदि हम इस दिशा में सक्रिय हो सकें, तो कठिन से कठिन बाधाओं को पार करते हुए सुख शांति एवं समृद्धियुक्त आदर्श समाज की स्थापना करने में सफल हो सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन मनोज शुक्ल ने किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला प्रचारक, बीडीओ हैंसर विवेकानन्द मिश्र, भाजपा नाथनगर, महुली मंडल के पदाधिकारी आदि लोग मौजूद थे।