फरही टोला से ससना तक बिछने लगा नया खड़ंजा, अब मऊ से होकर अपने गांव आने की मजबूरी खत्म गांव में अब तक बन चुके है 29 सड़क और 25 नाला


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रिपोर्ट: धीरज कुमार गुप्ता ब्यूरो चीफ / बलिया 

बलियाः जनपद बलिया के सीयर ब्लॉक के ससना बहादरपुर गांव के फरही टोला में राजभर बस्ती के करीब 150 लोगों की आबादी को अपने ही गांव के पंचायत भवन तक जाने के लिए पड़ोसी जनपद मऊ के सड़क से होकर निकलना मजबूरी थी लेकिन वर्तमान प्रधान बलदेव यादव के प्रयास से पहली बार यह टोला अब सीधे अपने ग्रामपंचायत से जुड़ गया। जिससे इस टोला के राजभर बस्ती की सबसे बड़ी समस्या भी समाप्त हो गई।

प्रधान प्रतिनिधि रमाशंकर यादव बाउल ने बताया कि गांव में फरही टोला के राजभर बस्ती को ससना के नहर मार्ग से सीधे जोड़ दिया गया और अब इस मार्ग पर तेजी से खडंजा का निर्माण कार्य शुरु हो गया है। करीब 850 मीटर लंबे सबसे बड़े संपर्क मार्ग का खड़ंजा निर्माण कराया जा रहा है। जो अगले 10 दिन में बनकर तैयार हो जायेगा। जो इस गांव के राजभर बस्ती के लिए बहुत ही आवश्यक था।

गांव निवासी रामवृक्ष एवं राजू ने भी बताया कि फरही से ससना तक का सीधा संपर्क मार्ग का सड़क न होना यहां की सबसे बड़ी समस्या थी। गांव की महिलाओं से लेकर स्कूली छात्रों तक के लिए यह सबसे बड़ी मुसीबत थी। लेकिन वर्तमान प्रधान के प्रयास से फिलहाल यह समस्या समाप्त हो गया है और इस बार की बारिश में अब लोग सीधे अपने ग्रामपंचायत के पंचायत भवन तक पहुंच सकेंगे।

गांव में अब तक बन चुके है 29 सड़क और 25 नाला

– ससना बहादुरपुर ग्रामपंचायत के प्रधान प्रतिनिधि रमाशंकर यादव बाउल ने बताया कि प्रधान बालदेव यादव के देखरेख में गांव में अब तक 4 खड़ंजा, 13 इंटरलाकिंग एवं 12 सीसी रोड समेत छोटे बड़े कुल 29 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है। गांव में 25 नाली नाला के निर्माण से गांव के जलनिकासी की व्यवस्था को भी सुव्यवस्थित किया गया है। गांव में बने दो भव्य प्रवेश द्वार, छठ पूजा घाट एवं सेल्फी प्वाइंट से गांव की भव्यता एवं रौनक बढ़ी है। जबकि गांव में निर्मित पंचायत भवन के नियमित संचालन से ग्रामिणों की हर समस्या अब गांव में ही निस्तारित कर दी जाती है। वहीं गांव के तीन प्राथमिक स्कूल को कायाकल्प के तहत 19 पैरामीटर पर संतृप्त किया गया है। गांव के राजकीय स्कूलों के भवन, कुर्सी बेंच, और टाइल्सीकरण का कार्य पूर्ण हो गया है। जो गांव के विकास की कहानी स्वयं ही बयां करता है।

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