प्रभारी मंत्री तथा पूर्व सांसद के पत्र को भी दरकिनार कर देते हैं जांच अधिकारी, ₹500000 नहीं दिए तो वीडियो ने लगा दिया मनमानी जांच रिपोर्ट, प्रधान मैनसिर हेमलता सैरा जे द्वारा वीडियो पर धमकी देने व रुपया मांगने का लगाया गया आरोप ब्यूरो अश्विनी कुमार पाण्डेय


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संतकबीरनगर 27 अगस्त 2024, खलीलाबाद विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत मैनसिर प्रधान प्रधान हेमलता सरोज ने जिला विकास अधिकारी सुरेश चंद केसरवानी के विरुद्ध धमकी देने और रुपए मांगने का आरोप लगाया है श्रीमती सरोज का कहना है कि पैसे के लिए उक्त जिला विकास अधिकारी अपने माता के ऊपर विश्वास ने करके बल्कि स्वयं ग्राम पंचायत में अपना दबदबा कायम करते हुए सेक्रेटरी के माध्यम से सेक्रेटरी व ग्राम प्रधान को बुलाकर अपने कार्यालय में करता है धन उगाही, जिसकी शिकायत हम ग्राम प्रधान संघ व प्रधान सहित संबंधित उच्च अधिकारियों को समय-समय पर देता रह गया लेकिन उक्त रंगबाज जिला विकास अधिकारी के आगे जिला प्रशासन नतमस्तक हो जाता है जैसा की पूर्व सांसद इंजी. प्रवीण निषाद के लेटर पैड पर हुई शिकायत की जांच की आंच अभी ठंडा नहीं हुआ था कि खलीलाबाद ब्लॉक के मैनसिर प्रधान हेमलता सरोज ने जांच रिपोर्ट लगाने के एवज में रुपए मांगने और नहीं देने पर गलत रिपोर्ट लगाने का आरोप लगाकर उन्हें एक बार फिर से कटघरे में खड़ा कर दिया है ।
महिला प्रधान हेमलता सरोज का आरोप है कि डीडीओ ने जांच रिपोर्ट लगाने के लिए उनसे ₹ 5 लाख की डिमांड किए थे चूंकि, हम लोग गलत नहीं थे । इसलिए, हमने रुपए देने से इनकार कर दिया । ऐसे में उन्होंने मुझे और सचिव को धमकी देते हुए पूर्व की जांच रिपोर्ट को दरकिनार कर विपरीत रिपोर्ट लगा दी। वहीं, महिला मुखिया ने जिलाधिकारी से इस मामले में अन्य जिला स्तरीय अधिकारी से निष्पक्ष जांच करने की मांग की है ।
दरअसल, खलीलाबाद विकास खंड के ग्राम पंचायत मैनसिर के राजस्व गांव मैनसिर के ग्रामीण श्याम बिहारी पासवान ने आइजीआरएस पोर्टल पर 26 जनवरी 2024 को शिकायत की थी । इसमें उल्लेख किया था कि गांव के प्रधान अपने परिवार का मनरेगा जॉब कार्ड बनवाए हैं ऐसा करके वह फर्जी भुगतान ले रहे हैं । जिसकी जांच पूर्व में तत्कालीन बीडीओ और उपायुक्त श्रम रोजगार ने की थी लेकिन, जांच रिपोर्ट से शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं थे । इस मामले में सीडीओ जयकेश त्रिपाठी ने शिकायत को पुनः जिला विकास अधिकारी सुरेश चंद्र केसरवानी से शिकायती पत्र में इंगित बिंदुओं की जांच कर आख्या मांगी । महिला प्रधान हेमलता सरोज का आरोप है कि 14 अगस्त को जिला विकास अधिकारी व अन्य सदस्य ग्राम पंचायत में आए थे जहां उन्होंने मेरी गैरमौजूदगी में हमारे लोगों से पूर्व की जांच आख्या को गलत बताए और जांच रिपोर्ट लगाने के बदले में पांच लाख रुपये की मांग किए । चूकिं, मेरे कार्यकाल से पूर्व में तत्कालीन मैनसिर प्रधान द्वारा जॉब कार्ड मेरे रिश्तेदार का नाम पर बनाया गया था वहीं, इन जॉब कार्डधारकों मसलन शिकायतकर्ता श्याम बिहारी पासवान के बिंदु में शामिल लोगों से धनराशि की रिकवरी कराई जा चुकी है । जबकि, वह पूर्व में मनरेगा एक्ट अधिनियम के तहत काम करके अपनी मजदूरी का भुगतान ले रहे थे । बताया कि मेरे द्वारा जब रुपये देने से डीडीओ को मना कर दिया गया तो वह इससे नाराज हो गए और उन्होंने पूर्व की जांच रिपोर्ट को दरकिनार कर दिया । इसके बाद नए सिरे से जांच आख्या बनाकर मेरे खिलाफ रिपोर्ट लगा दिया। सिर्फ इतना ही नहीं सचिव व महिला मेट अनीता को भी धमकी दिए । महिला प्रधान हेमलता सरोज ने कहा कि जिला विकास अधिकारी व उनकी टीम के लोगों ने अपनी रिपोर्ट में जिन लोगों के नाम का जिक्र किया गया है उन लोगों से ना तो बातचीत की गई है और न ही उन्होंने कोई बयान दिया है । ऐसे में मेरे खिलाफ मनगढ़ंत तरीके से रिपोर्ट सीडीओ को प्रेषित किया गया है । उन्होंने कहा कि इस मामले में हमने जिला अधिकारी से निष्पक्ष तरीके से किसी अन्य जिला स्तरीय अधिकारी से जांच करने की मांग की है ।
मनरेगा मेट और मजदूरों ने बिना जांच के रिपोर्ट लगाने का मढ़ा आरोप

महिला मनरेगा मेट अनीता और कुसुम ने बताया कि 14 अगस्त को जिला विकास अधिकारी और उनकी टीम गांव में आए थे । लेकिन, उन्होंने हम लोगों से किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं लिए थे । जिस बिंदु पर उनको जांच करना था उससे इतर लोगों ने जांच किया । जबकि लोगों का जॉब कार्ड पूर्व प्रधान के कार्यकाल में बना है । मनरेगा एक्ट में भी जॉब कार्डधारक को काम मांगने का अधिकार है । चाहे वह कोई भी बेरोजगार व श्रमिक क्यों ना हो । वहीं, मनरेगा मजदूर नंदलाल और सितारे हिंद ने बताया कि अखबार के जरिए मामला पता चला है । जिसमें जिला विकास अधिकारी ने बिना जांच के ही रिपोर्ट लगा दिया है और हम लोगों का नाम भी अपने मनमर्जी से अपनी रिपोर्ट में लिख दिया है । जबकि, इस संबंध में उन लोगों ने हमसे कोई पूछताछ नहीं किया है । यह सब प्रधान को फंसाने की पूरी साजिश है ।
डीडीओ को जनपद से हटाने के लिए प्रभारी मंत्री ने की है मांग
जिला विकास अधिकारी सुरेश चंद्र केसरवानी के भ्रष्टाचार और अवैध वसूली करने के मामले में पूर्व में प्रधानों का एक प्रतिनिधि मंडल संतकबीरनगर के प्रभारी मंत्री एवं ग्राम्य विकास विभाग राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम से मिला था । इसमें लोगों ने अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी । इस पर मामले को संज्ञान में लेते हुए प्रभारी मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 02 दिसंबर 2023 को पत्र लिखा था । जिसमें डीडीओ सुरेश चंद्र केसरवानी को अनियमितता के आरोप में तत्काल प्रभाव से हटाए जाने और कठोर कार्यवाही किए जाने की मांग कर चुकी हैं ।
पूर्व सांसद का लेटर पैड भी खूब रहा सुर्खियों में …
आपको बता दें कि डीडीओ को हटाने को लेकर पूर्व में सांसद इंजी. प्रवीण निषाद का भी एक लेटर पैड जारी किया गया था । यह लेटर बम काफी दिन तक सुर्खियों में रहा था । लेकिन, चुनाव हराने के बाद इंजी. प्रवीण निषाद बैकफुट पर आ गए थे और अपने को अलग बताते हुए लेटर पैड का गलत इस्तेमाल करने की बात कही गई थी । इस पर जांचकर्ता अधिकारी एडीएम प्रशासन जय प्रकाश व टीम द्वारा डीडीओ को क्लीन चिट दे दिया था । इस प्रकार अपर जिलाधिकारी संतकबीर नगर द्वारा कहीं ना कहीं अप्रत्यक्ष रूप से जिला विकास अधिकारी को लाभ पहुंचाने का काम किया गया है जो काफी निंदनीय है जैसे लेकर ग्राम प्रधान एवं प्रतिनिधियों तथा जन सामान्य नागरिकों में काफी रोस व्याप्त है क्योंकि प्रभारी मंत्री महोदय एवं पूर्व सांसद महोदय के पत्रों को भी दरकिनार कर दिया गया इससे लोगों द्वारा कहा जा रहा है कि कहीं ना कहीं जिला प्रशासन उक्त अधिकारी को बचाने का काम कर रहा है,,

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