संवाददाता बेनकाब भ्रष्टाचार
संत कबीर नगर। सोशल आडिट निदेशालय उत्तर प्रदेश के अनुपालन के क्रम में पूरे प्रदेश में पारदर्शिता, सहभागिता एवं जबाबदेही के तहत सामाजिक अंकेक्षण का जनपद के सूची के आधार पर निर्धारित ब्लाकों में चल रहा है। सोशल आडिट टीम के मूलभूत उद्देश्यों के मुताबिक आडिट टीम द्वारा ग्राम पंचायतों में डुग्गी, मुनादी पूर्व में करायी जाती है। इसके बाद पीएम आवास तथा मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों में हुए विकास कार्यों की आडिट टीम द्वारा दो दिनों तक स्थलीय/ भौतिक सत्यापन किया जाता है तथा तीसरे दिन ग्रामीणों के साथ ग्राम पंचायत में खुली बैठक कर ग्रामीणों के समक्ष एम आई० एस ० रिपोर्ट को पढ़ कर सुनाया जाता है। इसके बाबजूद भी इस जनपद में सोशल आडिट टीम द्वारा आडिट टीम के ही मूल उद्देश्यों के विपरीत अधिकांशतः ग्राम पंचायतों में मात्र एक दिन में ही सोशल आडिट का कोरम पूरा कर दिया जाता है। जिससे सरकारी धन के सदुपयोग पर नियंत्रण लगाने की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। जिससे सोशल आडिट की विश्वसनीयता अब लगभग खत्म होने के कगार पर है। इसके विषय में जानकारी प्राप्त करने पर जिला विकास अधिकारी सुरेश चंद्र केसरवानी ने बताया कि यदि इस तरह का मामला आता है कि सोशल आडिट टीम द्वारा यदि दो दिनों का स्थलीय/भौतिक सत्यापन नहीं किया जा रहा है तो उन्हें नोटिस भेज कर लिखित स्पष्टीकरण मांगा जाएगा तथा भविष्य में दोबारा ऐसी पुनरावृत्ति पायी गयी तो उनकी संविदा से सेवा समाप्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।