जौनपुर – भाजपा कार्यालय पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्मदिवस मनाया गया


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रिपोर्ट – प्रदेश संवाददाता, पत्रकार अतुल कुमार तिवारी

बेनकाब भ्रष्टाचार न्यूज BBN

 

पंडित दीनदयाल की पहचान गंभीर दार्शनिक, पत्रकार, गहन चिंतक होने के साथ-साथ समर्पित संगठनकर्ता के तौर पर होती है: पुष्पराज सिंह

 

जौनपुर
भारतीय जनता पार्टी जौनपुर मे खरका कालोनी मे स्थित दीनदयाल पार्क मे पंडित दीन दयाल उपाध्याय के मूर्ति पर जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह के नेतृत्व मे माल्यार्पण हुआ। माल्यार्पण करने के उपरांत जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने उनके जीवन पर विस्तार से चर्चा करते हुये कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को मथुरा जिले के नगला चंद्रभान गांव में हुआ था। बचपन में उनके घर आए ज्योतिषी ने दीनदयाल की जन्मकुंडली देखी और भविष्यवाणी करते हुए कहा कि, ये बालक आगे चलकर महान विद्वान और विचारक बनेगा, ये विलक्षण प्रतिभा का धनी होगा और इसकी गिनती देश के अग्रणी राजनेताओं में होगी, लेकिन ये विवाह के बंधन में कभी नहीं बंधेगा। आगे चलकर ज्योतिषी द्वारा कही गई सभी बातें सही सिद्ध हुईं। दीनदयाल उपाध्याय ने अल्पायु में ही अपने माता-पिता को खो दिया था, जिसके चलते ननिहाल में उनका पालन पोषण हुआ। बचपन से ही उनका दिमाग पढ़ाई-लिखाई में खूब चलता था। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने हाई स्कूल की शिक्षा राजस्थान के सीकर में प्राप्त की। पढ़ाई लिखाई में बहुत अच्छा होने के चलते सीकर के तत्कालीन नरेश ने उन्हें एक स्वर्ण पदक, किताबों के लिए 250 रुपये और दस रुपये की मासिक छात्रवृत्ति से पुरस्कृत किया।

भारतीय राजनीति के पुरोधा पुरुष पंडित दीनदयाल वर्ष 1953 से 1968 तक भारतीय जनसंघ से जुड़े रहे। इनकी पहचान गंभीर दार्शनिक, पत्रकार, गहन चिंतक होने के साथ-साथ समर्पित संगठनकर्ता और नेता के तौर पर होती है। भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के समय से ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्टी के वैचारिक मार्गदर्शक और नैतिक प्रेरणा-स्रोत रहे हैं। इनके अंत्योदय के सिद्धांत पर आज भी भाजपा के घोषणा पत्र तक तैयार होते हैं। कहा जाए तो आज भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यों में दीनदयाल के सोच का असर दिखाई पड़ता है। वे भारत माता के ऐसे सपूत थे जिन्होंने अपने कार्यों और विचारों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने आजादी के बाद खुशहाल समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण के लिए अंत्योदय का सपना देखा था, जिसके लिए वे जीवनभर संघर्ष करते रहे। उनके अत्योदय के सिद्धांत का मतलब भारत के अंतिम व्यक्ति को समृद्ध करना ही था। आज उनके जन्मदिवस के अवसर पर उनके जीवन के बारे में बात करना बेहद महत्वपूर्ण है ।

जन्मदिवस मनाने के उपरांत कटघरा मे बूथ संख्या 391 पर जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह के नेतृत्व मे सदस्यता अभियान चलाया गया उक्त अवसर पर जिला महामंत्री अमित श्रीवास्तव रामसूरत मौर्य डी सी एफ चेयरमैन धनंजय सिंह मंडल अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव आई टी संयोजक रोहन सिंह सभासद विष्णु सिंह  विपिन सिंह राजेश गुप्ता नीरज मौर्य अवधेश सोनकर राजेश कन्नौजिया पंकज श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

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