जौनपुर – डॉ सुधीर उपाध्याय के पक्ष में तमाम शिक्षक लामबंद हो रहे हैं, शिक्षकों द्वारा जिला प्रशासन एवं कुलपति को ज्ञापन देकर मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग किया गया


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रिपोर्ट – प्रदेश संवाददाता, पत्रकार अतुल कुमार तिवारी

बेनकाब भ्रष्टाचार न्यूज़  BBN

जौनपुर
छात्राओं के साथ अश्लील हरकत के आरोपी पूर्वांचल विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ० सुधीर उपाध्याय की पत्नी के वायरल वीडियो के बाद डॉ सुधीर उपाध्याय के पक्ष में सभी शिक्षक लामबंद हो रहे हैं। इसी क्रम में आज वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय
स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ जौनपुर के बैनर तले शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ० सी०बी० पाठक के नेतृत्व में शिक्षकों ने पुलिस अधीक्षक को संबोधित ज्ञापन पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को सौंपा।
उसके बाद वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय कि कुलपति को भी ज्ञापन सौंपा और पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करने की मांग की। डॉ० सी०बी० पाठक ने कहा कि जिस पत्रकार पर साजिश के आरोप हैं । उसके द्वारा ‘एलआईयू जांच में मिली प्रोफेसर की संलिप्तता’ ये खबर 29 तारीख को सम्बंधित संस्थान को भेजी गयी थी। जो 30 सितंबर को समाचार पत्र में प्रकाशित हुई। जबकि 29 तारीख तक न तो थाने पर पीड़िता या किसी द्वारा तहरीर दी गयी थी और ना ही कोई एफआईआर दर्ज हुआ था। उस दिन तक कोई तहरीर न मिलने की बात उसी पत्रकार ने अपनी खबर में प्रकाशित किया। जब कोई तहरीर नहीं मिली, कोई एफआईआर नही दर्ज हुई तो एलआईयू जांच कैसे कर दी और शिक्षक को किस आधार पर कैसे दोषी करार दे दिया गया? क्या ये मीडिया ट्रायल करने की साजिश नही है ? इसकी निष्पक्ष जांच कराकर डॉ सुधीर उपाध्याय व उनके परिवार समेत पूरे शिक्षक समाज की सामाजिक प्रतिष्ठा का हनन और मानसिक उत्पीड़न करने वाले आरोपी पर कार्रवाई करें। अनुदानित महाविद्यालय विश्वविद्यालय अनुमोदित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विजय प्रताप तिवारी ने कहा कि डॉ० सुधीर उपाध्याय की पत्नी द्वारा जिस पत्रकार पर षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया गया है उसके फोन कॉल की डिटेल सीडीआर निकलवाई जाय कि डॉ सुधीर उपाध्याय के खिलाफ़ जिन छात्राओं ने शिकायत की है, क्या शिकायत के पूर्व संबंधित पत्रकार ने शिकायतकर्ता तथा शिकायतकर्ता के परिजनों से तथा विभाग के विभागाध्यक्ष से तथा विश्वविद्यालय के किन-किन अधिकारियों और शिक्षकों से वार्ता की है? कितनी बार की है? कब-कब वार्ता की है? और क्या-क्या वार्ता की है? साथ ही जिस छात्र ने डॉ० सुधीर उपाध्याय पर हमला करने का आरोप लगाया है क्या वास्तव में हमला हुआ था या फिर सड़क दुर्घटना को हमले की घटना दिखाई गई? संबंधित छात्र की कॉल डिटेल पूरी निकाल कर यह खंगाला जाए कि पिछले 15 दिनों में उसकी किस-किस से क्या-क्या बातें हुई ? दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। शिक्षक नेता डॉ प्रवीण सिंह ने कहा कि डॉ० सुधीर उपाध्याय पर अश्लीलता का आरोप लगाने वाली छात्राओं और उनके परिजनों ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों और पत्रकारों से संपर्क साधा या फिर कोई बाहरी व्यक्ति साजिश के तहत विशेष रुचि लेकर छात्रों को उकसाया, विश्वविद्यालय का माहौल खराब किया और आरोप लगाने वाली छात्राओं व उनके परिजनों के स्थान पर वह स्वयं सक्रिय होकर पत्रकारों से बयान लेने के लिए, खबरों को बड़ा कर मीडिया ट्रायल कराने का प्रयास किया इसकी भी जांच होनी चाहिए। शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ सुशील मिश्र ने कहा कि इसकी भी जांच होनी चाहिए कि डॉ० सुधीर उपाध्याय जो पूर्वांचल विश्वविद्यालय में 2010 से नियुक्त/ कार्यरत हैं, अचानक से 14 वर्ष बाद एक सप्ताह के भीतर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के बाद अचानक से इतने सारे अश्लीलता के आरोप कैसे लग गए? जिला महामंत्री डॉ० पारुली सिंह ने कहा कि पूरे प्रकरण में विभागाध्यक्ष की भूमिका व संलिप्तता को भी जांच के दायरे में लाया जाए। डॉ० सुषमा मिश्र ने कहा किमीडिया ट्रायल और साजिश की वजह से डॉ सुधीर उपाध्याय सदमे में हैं प्रयागराज के एक हॉस्पिटल में ICU में उनका इलाज जारी है। उनकी पत्नी 6 साल की बेटी को लेकर मानसिक रूप से परेशान है। डॉ संतोष पांडेय ने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिये, ताकि हमारा कोई और शिक्षक साथी भविष्य में ऐसे किसी षड्यंत का शिकार न हो। ज्ञापन देने वालों में डॉ० महेंद्र सिंह, डॉ त्रिपुरारी उपाध्याय, डॉ चंद्राम्बुज कश्यप,डॉ पतिराम राव, डॉ मृत्युंजय मिश्र, डॉ गिरीश मणि त्रिपाठी, डॉ संजय यादव डॉ अतुल कुमार श्रीवास्तव,डॉ० कुलदीप श्रीवास्तव, डॉ०पवन कुमार सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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