सन्त कबीर नगर
धनघटा। सरयू नदी के बाढ़ के दौरान प्रभावित होने का दावा करते हुए हल्का लेखपाल पर सूची बनाने में अनियमितता का आरोप लगाकर प्रदर्शन करने वाले 239 परिवार के लोग राजस्व विभाग की गठित टीम के जांच के दौरान अपात्र पाए गए हैं। जांच रिपोर्ट टीम ने उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर दी है।
एसडीएम रमेश चंद्र ने बताया कि सरयू नदी की बाढ से तहसील क्षेत्र के 20 गांव के 2100 परिवार प्रभावित हुए थे। वर्तमान में बाढ़ प्रभावित गांव के रास्ते खाली हो गए हैं। वहां पर लगाई गई नावों को पूर्ण रूप से हटा लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग गांव में दवा वितरित की। प्रभावी 2100 परिवार के लोगों को राहत सामग्री वितरित कर दी गई है। उन्होंने बताया कि चपरा पूर्वी गांव के खाले पुरवा टोला के प्रभावित 33 परिवार के लोगों को भी राहत सामग्री दे गई है। उन्होंने बताया कि खाले पूरवा के 239 परिवार के लोग बाढ़ से प्रभावित होने का दावा करते हुए धरना प्रदर्शन किए और हल्का लेखपाल पर बाढ़ राहत सूची बनाने में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए बाढ़ राहत सामग्री की मांग किए। हल्का लेखपाल को वहां से हटा दिया गया और खालेपुरवा गांव के जो लोग बाढ़ राहत सामग्री की मांग कर रहे थे उन लोगों की जांच राजस्व विभाग की टीम गठित कर कराई गई। जांच टीम ने घर-घर जाकर जांच की। जांच के दौरान वह लोग बाढ़ से अप्रभावित पाए गए। उन्होंने बताया कि गांव के लोग जाट टीम के सामने अब समस्या रखे की प्रमाणित खतौनी उनको नहीं मिल पा रही है। जिससे किसान सम्मान निधि समेत आदि सरकारी योजनाओ का लाभ पाने से वहां के किसान वंचित हैं। ग्राम वासियों को आस्वस्त किया गया कि राजस्व परिषद के निर्देश के क्रम में एक माह के भीतर सभी को प्रमाणित खतौनी मिलना शुरू हो जाएगी।