गोबिंद शुगर मिल ऐरा लखीमपुर चीनी मिल परिक्षेत्र के समिति नानपारा के ग्राम अमृतपुर में शरद कालीन गन्ना बुवाई का शुभारंभ किया गया


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*गोबिंद शुगर मिल ऐरा लखीमपुर चीनी मिल परिक्षेत्र के समिति नानपारा के ग्राम अमृतपुर में शरद कालीन गन्ना बुवाई का शुभारंभ किया गया

संवाददाता

BBN बहराइच

 

जिला गन्ना अधिकारी बहराइच श्री आनन्द कुमार शुक्ल और गोविन्द शुगर मिल के महाप्रबंधक गन्ना श्री उमेश सिंह विशेन की उपस्थिति में कृषक मनोज कुमार शुक्ल , रमाकांत शुक्ल दुर्गा प्रसाद शुक्ल ,जगदीश प्रसाद शुक्ल उमेश कुमार शुक्ल पुत्र रमाकांत के प्लॉट में बुवाई का शुभारंभ किया

इस अवसर पर जिला गन्ना अधिकारी बहराइच श्री आनंद कुमार शुक्ल ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों को हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने किसानों से अधिक से अधिक क्षेत्र में अगेती प्रजातियों जैसे Co. 0118, 98014, 15023 और 14201 की बुवाई करने की अपील की, ताकि किसान और चीनी मिल दोनों को अधिक आर्थिक लाभ हो सके।

वहीं, महाप्रबंधक गन्ना श्री उमेश सिंह विशेन ने बताया कि गोविंद शुगर मिल हमेशा से किसानों के हितों के प्रति समर्पित रही है। उन्होंने जानकारी दी कि पेराई सत्र 2024-25 की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए चीनी मिल किसान समस्या समाधान केंद्र और कंट्रोल रूम की स्थापना करेगी, जिससे पेराई के दौरान समस्याओं का त्वरित समाधान हो सकेगा।
सहफसली खेती से किसानों को एक साथ कई पैदावार मिलती है। इसके साथ ही साथ गन्ने का उत्पादन भी बेहतर होता है। इसकी खेती से किसान प्रति एकड़ करीब 300 से 350 क्विंटल तक गन्ने की पैदावार मिलती हैं, जबकि बसंतकालीन गन्ने की खेती से प्रति एकड़ करीब 250 से 300 क्विंटल तक की पैदावार मिलती है। महाप्रबंधक गन्ना का कहना है कि नानपारा क्षेत्र में सौ से अधिक किसान शरदकालीन गन्ने के साथ सहफसली खेती कर रहे हैं। महाप्रबंधक ने कहा कि शरदकालीन गन्ने की खेती के लिए 15 सितंबर से 30 नवंबर तक उपयुक्त समय है। गन्ने की सहफसली खेती के लिए किसान गन्ने की दो पंक्ति के बीच आलू, लहसुन, गेहूं, गोभी, टमाटर, धनिया, मटर आदि की खेती कर सकते हैं। सहफसली खेती के लिए किसान नाली विधि(ट्रेंच विधि) से गन्ने की खेती की खेती की जाती है। इसके लिए खेत की अच्छी जुताई करना चाहिए। उसके बाद अंतिम जुताई के साथ किसानों को खेत में समान रूप से गोबर की सड़ी खाद मिट्टी में मिला देनी चाहिए। इससे खेत पूरी तरह तैयार हो जाता है बीज का शोधन जरूर करना चाहिए।
इस कार्यक्रम में जेष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक नानपारा श्री मनोज कुमार उपाध्याय एवम चीनी मिल के गन्ना प्रबंधक श्री पंकज श्रीवास्तव , सोनू कुमार वरिष्ठ गन्ना विकास अधिकारी श्री अनिल पांडे सहायक गन्ना विकास अधिकारी श्याम किशोर त्रिपाठी और दर्जनों किसान श्री गणेश, गुरप्रीत सिंह, गुरमीत सिंह, संदीप पाल सिंह ,अजय वर्मा, दीपू तिवारी, अवधेश मिश्रा रंजीत सिंह कुशवाहा ,गोपाल , सचिन मौर्य श्याम जी तिवारी राम जी तिवारी धनजय तिवारी हरेंद्र मौर्य मौजूद रहे।

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